एशिया कप को लेकर बुरे संकेत ! तो क्या अब 5 टीमों में होगा एशिया कप 2023, PCB के नए चीफ ने ठुकराया हाइब्रिड मॉडल

0

पीसीबी के अध्यक्षता के पद से 48 घंटे पहले नजम सेठी इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफा देने के बाद पाकिस्तान के नए संभावित चेयरमैन बनने जा रहे जाका अशरफ ने एशिया कप के हाइब्रिड मॉडल को ठुकरा दिया है। जाका अशरफ इसके पहले भी पीसीबी का अध्यक्ष रह चुके हैं। वह एशिया कप के हाइब्रिड मॉडल से बिल्कुल असहमत हैं, इसके पहले पीसीबी के हाल के पूर्व  अध्यक्ष नजम सेठी ने एशियन क्रिकेट काउंसिल और बीसीसीआई के हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार कर लिया था। अगर पाकिस्तान एशिया कप 2023 में खेलने से दूर हट जाएगा तो टूर्नामेंट का रंग फीका पड़ सकता है, लेकिन बीसीसीआई और एशियन क्रिकेट काउंसिल ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में सन्देश दिया है की अगर पाकिस्तान इस मॉडल को नहीं मानेगा तो एशिया कप 2023 पाकिस्तान के बिना ही सिर्फ 5 टीमों के बीच खेला जाएगा। 31 अगस्त से 18 सितंबर के बीच एशिया कप 2023 श्रीलंका और पाकिस्तान में खेला जाना है। एशिया कप 2023 में कुल 13 मैच खेला जायेगा जिसमें हाइब्रिड माडल के तहत श्रीलंका में 9 मैच जबकि पाकिस्तान में 4 मैच होने हैं। पाकिस्तान के नए चेयरमैन बनने जा रहे जाका अशरफ चाहते हैं एशिया कप 2023 हाइब्रिड मॉडल पर न होकर सारे मैच पाकिस्तान में ही खेले जाएं। लेकिन भारतीय टीम और बीसीसीआई ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को सुरक्षा कारणों से कब का ठुकरा चुकी है।

Ashes 2023 : पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की शानदार जीत में इन 3 खिलाड़ियों का बड़ा योगदान, एक ने लगाया है शतक तो दूसरे ने झटके हैं सबसे ज्यादा विकेट

क्या कहा जाका अशरफ ने,

जाका असरफ ने कहा मेरी पहली शर्त  यह है कि मैंने एशिया कप 2023 के हाइब्रिड मॉडल को पहले ही खारिज कर दिया था, क्योंकि मैं इससे सहमत नहीं हूं। अशरफ ने बुधवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद  में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, एशियाई क्रिकेट परिषद के बोर्ड ने फैसला किया था कि इसे पाकिस्तान में आयोजित किया जाना चाहिए, फिर हमें इसकी मेजबानी करनी चाहिए।

 

Icc Rankings में हुआ बड़ा उलटफेर, इंग्लैंड का बल्लेबाज बना नंबर–1, टॉप:10 में केवल एक भारतीय

 

अशरफ की टिप्पणियों से पाकिस्तान की विश्व कप में भागीदारी भी अधर में लटक सकती है और उम्मीद है कि बीसीसीआई भी सख्त रुख अपनाएगा और यदि वे एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के सदस्यों द्वारा सहमति से पीछे हटते हैं तो कोई बीच का रास्ता नहीं होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed